यदि पुलिस न हो तो कैसा होगा समाज?

जब सजा पाने का डर नहीं होता है तो ज्यादातर लोग बड़ी आसानी से अपराध कर बैठते हैं। वे बड़ी आसानी से अपने आदर्शों और सिध्दांतों को या तो अपनी सहूलियत के मुताबिक बदल देते हैं या उन्हें ताक पर रख देते हैं। हम चाहे जहां रहते हों, यह सच है कि सभ्यता की आड़ में दुष्टता का घर भी मौजूद है। इसलिए, हमें पुलिस सुरक्षा की जरूरत होती है। बेशक, हम में से बहुतों ने कुछ पुलिस अफसरों के बारे में सुना होगा कि वे बड़े बेरहम हैं, भष्ट हैं, उन्हें किसी की भी परवाह नहीं है और अपने अधिकार का दुरूपयोग करते हैं

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