स्वतंत्रता के पश्चात हमारी दो पीढ़ियां गुजर चुकी हैं, लेकिन पुलिस अभी तक अपने आपको देश की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं ढाल सकी है। इस के कई कारण हैं जैसे पुलिस को समाज में एक दण्डात्मक भूमिका ही निभानी पड़ती है। उसकी यह भूमिका कई बार अतिरेकपूर्ण भी हो जाती है। पुलिस की खराब छवि का दूसरा सबसे बड़ा कारण हमारे देश का सामाजिक पहलू है। याद रहे, यदि समाज भ्रष्ट है तो पुलिस भी निश्चित रूप से भ्रष्ट होगी और यदि समाज में हिंसा व्याप्त है तो पुलिस भी हिंसक ही होगी
कब बनेगी देश की पुलिस एक ‘स्मार्ट पुलिस’?

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